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Commodity Market में ट्रेडिंग कैसे करें !

वस्तु बाजार (commodity market) –

वास्‍तव में प्राथमिक उत्‍पाद है जो अर्थव्यवस्था को प्रभावित करते है, ऐसी वस्तुएँ खरीदी-बेची जाती हैं न कि निर्मित वस्तुएँ। इसके अन्तर्गत कृषि उत्पाद जैसे – गेहूँ, धान, कॉफी, चीनी सोयाबीन इत्‍यादि तथा खनन से प्राप्त वस्तुएँ जैसे सोना,चॉदी बहुमूल्‍य धातुये , कच्‍चे तेल,प्राकृतिक गैस, ऊर्जा और मसालों जैसी कमोडिटीज में ट्रेड करने की एक जगह होती है। कमोडिटीज में ट्रेडिंग अपने पोर्टफोलियो में विविधता लाने की मांग करने वाले निवेशकों के लिए  बेहतर होती है, क्योंकि इसके निवेश अक्सर मुद्रास्फीति के साथ Help करते हैं।

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भारत में कितने कमोडिटी एक्सचेंज हैं ?

भारत के Commodity Market में कुल 22 कमोडिटी एक्सचेंज हैं,  जो फॉरवर्ड मार्केट कमीशन के तहत स्थापित किए गए हैं। भारत में ट्रेडिंग के लिए नीचे दिए गए कमोडिटी एक्सचेंज मुख्‍य लोकप्रिय विकल्प हैं-

  • मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज ऑफ इंडिया (एमसीएक्स)
  • इंडियन कमोडिटी एक्सचेंज (आईसीईएक्स)
  • नेशनल मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज ऑफ इंडिया (एनएमसीई)
  • राष्ट्रीय कमोडिटी एंड डेरिवेटिव एक्सचेंज (एनसीडीईएक्स)

Commodity Market  में कमोडिटी फ्यूचर्स अनुबंध क्या होते है ?

कमोडिटी भविष्‍य अनुबंध एक मानव द्वारा बनाया गया वायदा अनुबंध हैं,  जिनका लेन-देन एक निर्धारित एक्सचेंज के माध्यम से किया जाता है। वायदा अनुबंधों में उत्पाद एवं उसका ग्रेड, मात्रा, क्‍वालिटी और स्थान निर्धारित होता हैं, और क्रेता और विक्रेता उसकी कीमत निर्धारित कर भविष्‍य के लिये आंशिक भुगतान के साथ एक निश्चित प्रतिफल के लिये वायदा तय करते है । कृषि वायदा agreement सबसे पुराना हैं । विश्‍व के कई देशो में करीब 200 वर्षो से अधिक समय से किया जा रहा है ।  आधुनिक वायदा समझौते  में अनाज लिफ्ट के आगमन के साथ शुरू हुए मध्य में स्थित शिकागो, मध्य-पश्चिमी किसानों और पूर्वी तट के उपभोक्ता आबादी केंद्रों के बीच केंद्र के रूप में उभरा।

कमोडिटी मार्केट (Commodity Market)  कैसे काम करता है?

मान लीजिए कि आपने MCX पर हर 100 ग्राम के लिए 72,000 रुपये पर सोना फ्यूचर्स अनुबंध खरीदा है। एमसीएक्स पर गोल्ड का मार्जिन 3.5 प्रतिशत होता है। तो आप अपने सोने के लिए 2,520 रुपये का भुगतान करेंगे। मान लीजिए कि अगले दिन सोने की लागत प्रति 100 ग्राम 73,000 रुपये तक बढ़ जाती है। 1,000 रुपये उस बैंक अकाउंट में जमा किए जाएंगे, जिसे आपने कमोडिटी मार्केट से लिंक किया है।  मान लें कि एक दिन के बाद, यह 72,500 रुपये तक गिर जाता है। उसी प्रकार से, 500 रुपये आपके बैंक अकाउंट से डेबिट किए जाएंगे।

कमोडिटी मार्केट (Commodity Market) में ट्रेडिंग कैसे करे?

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Commodity Market में ट्रेडिंग शुरू करने के लिए, आपको “Trusted Broker” के पास डीमैट अकाउंट,Trading Account और बैंक अकाउंट की आवश्यकता होगी। डीमैट अकाउंट आपके सभी ट्रेड और होल्डिंग का रिकार्ड संधारित करने के लिये एक प्‍लेटफार्म होगा ।

कमोडिटीज की कीमतें बहुत अधिक कारणों से प्रभावित होती हैं जो Risky ! भी है । स्टॉक में निवेश करने के समान, इन कारकों को समझकर और उन रणनीतियों को सीखकर अग्रिम रूप से तैयार करना महत्वपूर्ण होता है जिन्हें आप कमोडिटीज में ट्रेडिंग शुरू करने से पहले नियोजित कर सकते हैं।

नियमित रूप से बाजार की निगरानी के लिए जरूरी होता है। यदि आप एक ट्रेडिंग करने में नए है, तो एक कमोडिटी मार्केट एक्सपर्ट की मदद लें, जो आपको इस प्रक्रिया में शामिल कर सकता है, और बाजार के उतार-चढ़ाव पर नजर रख सकता है।

Commodity Market निवेश के लिए कौन सी कमोडिटी Best है?

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आधुनिक दुनिया के अर्थव्‍यवस्‍था वाले जगत में, एक मजबूत निवेश पोर्टफोलियो बनाने के लिए विविधता बनाये रखना सबसे महत्वपूर्ण कार्य है। कमोडिटी, कीमती धातुओं से लेकर कृषि उत्पादों तक की वास्‍तविक संपत्तियों में निवेशकों को मुद्रास्फीति, भू-राजनीतिक जोखिम और बाजार की अस्थिरता से बचाव का एक अनूठा अवसर प्रदान करती है। आइए निवेश के लिए सर्वोत्तम वस्तुओं और उनके प्रदर्शन को प्रभावित करने वाले कारकों के बारे में विस्तार से जानने का प्रयास करते है –

  • सोना – Commodity Market – में सोने को अक्सर एक लंबी अवधि निवेश के लिए सबसे अच्छी वस्तु माना जाता है, यह अनिश्चितता के समय धन को सरंक्षित करता है व आपके पोर्टफोलियों की आधारशिला को स्थिरता प्रदान करता है । सोना में उच्च स्तर की तरलता होती है और यह आर्थिक मंदी के समय में सुरक्षा के रूप में कार्य करता है। मुद्रास्फीति बढ़ने के साथ, अधिक से अधिक निवेशक सुरक्षित निवेश विकल्प के रूप में सोने की ओर आकर्षित हो रहे हैं।
  • चांदी – आर्थिक जगत में चॉदी एक कीमती धातु है और एक औद्योगिक वस्तु दोनों के रूप में चांदी की अपनी दोहरी भूमिका है जो इसे वस्तु बाजार (Commodity Market) में एक विशिष्‍ट स्‍थान प्रदान करती है। चांदी भी महत्वपूर्ण औद्योगिक जगत में अपने उपयोगो का दावा करती है, विशेषकर इलेक्ट्रॉनिक्स और नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र, सौर पैनलों, इलेक्ट्रिक वाहनों और 5जी बुनियादी ढांचे में बढ़ते उपयोग से चांदी की उपयोगिता बढती जा रही है जिसमें निश्चित रुप से चांदी को बहुमूल्‍य धातुओं के श्रेणी में लाकर खडा कर दिया है ।
  • कच्चा तेल – Commodity Market में कच्चा तेल सम्‍पूर्ण जगत में अर्थव्यवस्‍था की रीढ की हडडी बना हुआ है एवं सबसे सक्रिय वस्तुओं में से एक है, जो वैश्विक अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। जबकि इसकी कीमत में अस्थिरता निवेशकों के लिए चुनौतियां पैदा करती है । तेल पर किया गया निवेश आपकों संभावित रिटर्न प्रदान कर सकता है। तेल की कीमतों को प्रभावित करने वाले कारकों में भू-राजनीतिक तनाव, मांग और सप्‍लाई की गतिशीलता, तकनीकी कारक और वैश्विक आर्थिक विकास का प्रमुख प्रभाव पडता हैं।
  • कृषि वस्तुएँ – कृ‍षि वस्‍तुओं के अन्‍तर्गत अनाज, पशुधन और कॉफी और कपास जैसी नरम वस्तुएं, विश्‍व के फूड चैन सप्‍लाई के आवश्यक घटकों का प्रतिनिधित्व करती हैं। बढती हुई जनसंख्या, लगातार हो रहे आहारों में परिवर्तन, जलवायु परिवर्तन ये सभी कृषि वस्तुओं की कीमतों को प्रभावित करते हैं।
  • औद्योगिक धातुएँ – Commodity Market में तांबा, एल्यूमीनियम और निकल निर्माण और बुनियादी ढांचे के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। जैसे-जैसे दुनिया भर में सरकारें महत्वाकांक्षी बुनियादी ढांचा परियोजनाओं और नवीकरणीय ऊर्जा पहल पर काम कर रही हैं, औद्योगिक धातुओं की मांग बढ़ने की उम्मीद अधिक पायी जाती है। इन धातुओं में निवेश करने से वैश्विक आर्थिक सुधार और टिकाऊ बुनियादी ढांचे में बदलाव का जोखिम मिलता है। जो भविष्‍य के पोर्टफोलियों में निश्चित रुप से परिवर्तन कर हमारे Profit-Loss को प्रभावित करता है ।

निष्कर्ष – भारत प्रांरभ से ही कृषि प्रधान देश रहा है, आज भी भारत की जीडीपी की ग्रोथ पर सबसे अधिक वर्चस्‍व है तो वह कृषि ही है, भारत भी आधुनिक तकनीको के साथ कृषि   क्षेत्र में परंपरागत हो चुका है । भारत में Commodity Market में ट्रेडिंग मुद्रास्फीति को प्रभावित करने का एक शानदार तरीका है, क्योंकि उन क्षेत्रों में कमोडिटीज की लागत बढ़ती है जहां मुद्रास्फीति बढ़ती है। हालांकि, कमोडिटी फ्यूचर्स अनुबंध अत्यधिक प्रभावन क्षमता वाला होता हैं, जिससे उनमें जोखिम की आशंका सदैव बनी रहती है। नियमित रूप से कमोडिटी बाजार की निगरानी जरूरी होती है, इससे कोई फर्क नहीं पडता की आप किस किस कमोडिटी में ट्रेड कर रहे है या आपकी रणनीति क्‍या है । अत:बाजार के जोखिम को भलीभॉति परख कर ही अपना निवेश करना चाहिये ।

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