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Business Loan क्या है व कैसे प्राप्त करें ! जानिये सम्पूर्ण जानकारी !

Business Loan क्‍या है – यदि आप अपना खुद का नया बिजनेस स्‍टार्ट करने जा है या पहले से कोई बिजनेस कर रहे है, तो आपको कही न कही बिजनेस ग्रोथ के लिये वित्‍तीय सहायता की आवश्‍यकता पडती है । ऐसी स्थिति में बिजनेस लोन एक प्रकार से फाईनेसिंग है जो बैंको एवं NBFC द्वारा उपलब्‍ध कराये जाते है । यह एक ऐसी फाइनेंसिंग है जिसकी मदद से आप अपने बढ़ते हुए बिजनेस की आवश्यक जरूरतों को आसानी से पूरा कर सकते है।

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बिजनेस लोन का उद्देश्य आपके व्‍यवसाय से संबंधित जरुरी इक्‍युपमेंट खरीदना, बिजनेस प्‍लेस का कंस्‍ट्रक्‍शन, वेतन या किसी तरह के किराए का भुगतान करना, कच्चा माल खरीदना, इन्वेंटरी को सही रूप से रखने के लिए स्टॉक बढ़ाना, इत्यादि बिजनेस का विस्तार करने के लिए लोन लिया जाता है।

सेक्‍योर्ड एवं अनसिक्‍योर्ड Business Loan क्‍या होता है – आपको सरकारी, गैर सरकारी बैंको, NBFC एवं केन्‍द्र एवं राज्‍य सरकार के अन्‍तर्गत आने वाली सहकारी संस्‍थाओं के माध्‍यम से प्राप्‍त हो जाता है ।  ज़्यादातर बैंक/ NBFC आपको दो तरह के बिजनेस लोन प्रोवाईड कराते है – सिक्योर्ड और अन-सिक्योर्ड लोन ।

  • सेक्‍योंर्ड लोन – सिक्योर्ड Business Loan के लिए आवेदकों को बैंक के पास कोई सिक्योरिटी/ गारंटी को गिरवी रखना होता है। जैसे – कृषि जमीन,प्‍लॉट या चल/अचल संपत्ति जो आवेदन या उसके परिवार के नाम पर हो ।
  • अनसेक्‍योंर्ड लोन – अन-सिक्योर्ड Business Loan के मामले में, बैंक को कोई सिक्योरिटी/ गारंटी देने की ज़रूरत नहीं है।

Business Loan के प्रकार – बैंक एवं एनबीएफसी द्वारा सिक्योर्ड एवं अन-सिक्योर्ड लोन के अन्‍तर्गत बिज़नेस लोन ऑफर किया जाता है जिसके अन्‍तर्गत टर्म लोन, वर्किंग कैपिटल लोन, लेटर ऑफ़ क्रेडिट, पॉइंट ऑफ़ सेल (POS) लोन, ओवरड्राफ्ट लोन, आदि सुविधाये उपलब्‍ध करायी जाती है । जिनकी विस्‍तृत जानकारी निम्‍नानुसार है –

  • टर्म लोन (Term Loan) कई प्रकार के होते हैं, जैसे- शॉर्ट-टर्म लोन, लॉन्ग-टर्म लोन और अन्य स्मॉल बिज़नेस लोन(Small Business Loan)। टर्म लोन के तहत जो राशि ऑफर की जाती है, वो आवेदक की क्रेडिट प्रोफाइल पर निर्भर करती है और इसका भुगतान 12 महीनों से 5 वर्ष तक में किया जा सकता है। ऊपर दिए गए प्रकारों के अलावा, टर्म लोन को दो भागों में बांटा जा सकता है, अन-सिक्योर्ड Business Loan और सिक्योर्ड बिज़नेस लोन। सिक्योर्ड लोन के लिए बैंक में सिक्योरिटी/ गारंटी जमा करानी पड़ती है, जबकि अन-सिक्योर्ड लोन में कोई सिक्योरिटी जमा नहीं करानी होती है।
  • वर्किंग कैपिटल लोन (Working Capital Loan) व्यवसायों की रोज़मर्रा की ज़रूरतों को पूरा करने के लिए प्रदान किया जाता है। अन्य कामों के लिए भी ये लोन लिया जा सकता है, जैसे- बिज़नेस को बढ़ाने के लिए, मशीनरी या उपकरण खरीदने के लिए, कच्चा माल खरीदने, किराया या कर्मचारियों को सैलरी देने, आदि के लिए।
  • लेटर ऑफ़ क्रेडिट (Letter of Credit) लेटर ऑफ़ क्रेडिट का उपयोग अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में किया जाता है। एक उद्योग जो इम्पोर्ट-एक्सोर्ट का बिज़नेस करता है, उसे दूसरे देश के सप्लायरों के साथ काम करना होता है। इन सप्लायरों को ये गारंटी चाहिए होती है कि उन्हें समय पर उनका भुगतान मिल जाएगा, ये गारंटी उद्योग की ओर से बैंक लैटर ऑफ़ क्रेडिट जारी करके देता है।
  • पॉइंट ऑफ़ सेल (POS) लोनइस लोन में व्यापारी अपने बिक्री के रिकॉर्ड के आधार पर लोन लेता है। व्यापारी को बैंक को ये रिकॉर्ड देना होता है कि पिछले कुछ महीनों में उसके यहाँ POS मशीन (जिस मशीन पर खरीदारी/ भुगतान के लिए डेबिट/ क्रेडिट कार्ड स्वाइप किया जाता है) पर कितना ट्रांजेक्शन हुआ है। इसी रिकॉर्ड के आधार पर बैंक व्यापारी को लोन देता है। इसमें लोन भुगतान के भी कई विकल्प होते हैं जैसे, व्यापारी हर महीने लोन का भुगतान करेगा या POS मशीन पर जो भी खरीदारी हो रही है, उसका कुछ हिस्सा व्यापारी और कुछ बैंक को चला जाएगा।
  • ओवरड्राफ्ट लोन (Overdraft Loan) में आपको एक ओवरड्राफ्ट अकाउंट दिया जाता है जिसके लिए सीमित राशि मंज़ूर की जाती है। आप उस सीमित राशि तक उस अकाउंट से जब चाहे तब पैसे निकाल सकते हैं। ब्याज केवल निकाली गई राशि पर लगेगा ना कि पूरी राशि पर। उदाहरण: अगर आपको 3 लाख रु. का ओवरड्राफ्ट मिला है और आपने उसमें से 50 लाख रु. निकालते हैं तो ब्याज केवल 1.50 लाख रु. पर ही लगेगा न कि 3 लाख रु. पर ।

बैंक एवं NBFC से लोन लेने की प्रक्रिया – यदि आप किसी तरह का बिजनेस शुरू करना चाहते हैं तो इसके लिए आप सबसे पहले एक बिजनेस प्लान तैयार करें ताकि उस प्रोसेस से आप अपना बिजनेस खड़ा कर सके।

  • इसके बाद आप यह तय करें कि, बिजनेस के लिए आपको कितने रुपए की जरुरत हैं। आप पहले से ही बिजनेस के मुताबिक आंकड़ा तय कर ले कि आपका बिजनेस कितने रूपों में शुरू हो सकता है। इसके बाद ही आप लोन लेने की प्रोसेस को बढ़ाएं।
  • लोन लेने के लिए सबसे पहले बैंक को अपने बिजनेस प्लान के बारे में बताएं।
  • बैंक से लोन लेने के लिए आपका क्रेडिट स्कोर सही होना जरूरी है। जितना अच्छा आप का क्रेडिट स्कोर होगा बैंक आपको लोन देने में उतनी ही जल्दी करेगा। इसलिए आप क्रेडिट स्कोर को सही रखें ताकि आपको समय पर बिजनेस लोन मिल जाए और आप अपने बिजनेस को आसानी से बिना किसी परेशानी के शुरू कर सके।
  • बता दें, बैंक बिजनेस प्लान देख कर ही किसी उधारकर्ता को लोन देती है। यदि बैंक को लगता है कि आपके द्वारा शुरू किए गए बिजनेस से या उससे होने वाले मुनाफे से आप बैंक का लोन चुका सकते हैं तो ही बैंक आपको लोन देने की परमिशन देगा या फिर आपका लोन मंजूर करेगा।

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Business Loan के लिए कौन व्‍यक्ति कर सकता है अप्लाई –
  • बिजनेस लोन के लिए खुद का कारोबार शुरू कर रहा व्यक्ति भी अप्लाई कर सकता है।
  • प्राइवेट लिमिटेड कंपनी शुरू करने वाला व्यक्ति भी बैंक लोन की मदद ले सकता है।
  • जिस व्यक्ति ने पार्टनरशिप में कारोबार की शुरुआत की है, वह व्यक्ति भी बैंक से लोन आसानी से ले सकता है।
  • किसी भी तरह का कारोबारी या उद्यमी बैंक से बिजनेस लोन लेने के लिए पात्रता रखता है।
  • यदि आप किसी तरह के प्लांट को शुरू करने के बारे में सोच रहे हैं तो आप इसके लिए बिजनेस लोन ले सकते हैं या फिर आपका पहले से कोई बड़ा व्यापार है और आप उसे आगे बढ़ाने की सोचते हैं या फिर आप अपने कारोबार से जुड़े सपने को पूरा करना चाहते हैं या फिर बिजनेस से जुड़ी पैसों की जरूरत पूरी करना हो, इत्यादि स्थिति में आप बिजनेस लोन ले सकते हैं।
Business Loan के लिए पात्रता –
  • बिजनेस लोन प्राप्‍त करने के लिये उम्र 24 से 70 वर्ष के आसपास होना चाहिए।
  • भारत का निवासी नागरिक होना चाहिए।
  • यदि आपके पास पहले से कोई बिजनेस है जो 1 वर्ष से पुराना बिज़नेस हो तो आपको लोन जल्‍दी प्राप्‍त हो सकता है ।
  • इसके अलावा आपके सिबिल स्कोर या क्रेडिट स्कोर 685 या उससे अधिक होने चाहिए। जैसा कि हम पहले भी बता चुके हैं कि जितने अच्छे आप के सिबिल स्कोर होंगे उतना ही जल्दी बैंक लोन देने में मदद करेगा।
  • यदि आपके सिबिल स्कोर खराब है तो बैंक लोन देने से इंकार कर देता है ऐसी स्थिति में आप पहले से ही अपने सिबिल स्कोर को मेंटेन करके रखें। सिबिल स्कोर कम से कम यदि 750 और ज़्यादा है तो लोन आसानी से मिलता है ।
  • य‍दि आप पहले से कोई लोन बैंक से ले रखें है तो उसका नियमित भुगतान करना चाहियें समय पर भुगतान नहीं किया है तो ऐसी स्थिति में बैंकों लोन देने से इंकार कर देता है।
Business Loan लेने के लिए जरूरी दस्‍तावेज –
  1. वोटर आईडी
  2. आधार कार्ड / KYC
  3. ड्राईविंग लाईसेंस
  4. पैन कार्ड
  5. बैंक स्टेटमेंट
  6. निवास प्रमाण पत्र
  7. बिजनेस का प्रमाण पत्र/ बिजनेस संबंधी रजिस्‍ट्रेशन जैसे – जीएसटी आदि
  8. आयकर रिटर्न
  9. पासपोर्ट
  10. बैंक/ लोन संस्थान द्वारा ज़रूरी कोई अन्य दस्तावेज
यहॉ हम आपको कुछ प्रमुख बिजनेस लोन उपलब्‍ध कराने वाले बैंकों एवं एनबीएफसी की सूची उपलब्‍ध करा रहें ।
प्राईवेट बैंको द्वारा दिये जाने वाले बिज़नेस लोन की ब्याज़ दरें और शुल्क –
बैंक का नामबिजनेस लोन की राशिब्याज़ दरलोन चुकाने की अवधि
HDFC बैंक75 हजार से 50 लाख तक10.75% से 22.50% तक12 माह से 48 महीने
AXIX बैंक3 लाख से 50 लाख तक10.75% से 25% तक12 माह से 48 महीने
ICICI बैंक1 लाख से 40 लाख तक12.50% से शुरू12 माह से 48 महीने
KOTAK महिंद्रा बैंक5 लाख से 75 लाख तक16% से शुरूअधिकतम 48 महीने
RBL बैंक2.50 लाख से 20 लाख तक16% से शुरूअधिकतम 36 महीने
YES बैंक30 लाख से 3 करोड़ तक10.50% से शुरूअधिकतम 36 महीने
NBFC कंपनी द्वारा दिये जाने वाले बिज़नेस लोन की ब्याज़ दरें और शुल्क –
बैंक का नामबिजनेस लोन की राशिब्याज़ दरलोन चुकाने की अवधि
BAJAJ फिनस़र्व1 से 40 लाख तक15% से शुरूअधिकतम 36 महीने
CAPITAL फर्स्ट1 लाख से 9 लाख तक21% से शुरूअधिकतम 36 महीने
HDB फाइनेंशियल कंपनी75 हजार से 30 लाख तक15.5% से शुरूअधिकतम 60 महीने
IIFL फाइनेंस1 लाख से 50 लाख तक25% से शुरुअधिकतम 36 महीने
INDIFL फाइनेंस1 लाख से 50 लाख तक22% से शुरुअधिकतम 36 महीने
HERO फिनकॉर्प3 लाख से 35 लाख तक18% से शुरुअधिकतम 36 महीने
LANDING KART फाइनेंस50 हजार से 2 करोड़ तक15% से शुरुअधिकतम 36 महीने
नियोग्रोथ फाइनेंस2 लाख से 10 लाख तक24% से शुरुअधिकतम 24 महीने
पेसेंस सर्विसेज़ इंडिया प्राइवेट लि।5 हजार से 5 लाख तक24% से शुरुअधिकतम 36 महीने
टाटा कैपिटल फाइनेंस3 लाख से 50 लाख तक17% से शुरुअधिकतम 36 महीने

NOTE – ऊपर दी गई बिजनेस लोन की ब्याज दरें, शुल्क बैंक, NBFC और RBI पर निर्भर करते हैं। इनमे समय- समय पर बदलाव होता रहता है। कृपया बिजनेस लोन लेने से पहले बिजनेस लोन की ब्याज दर और शुल्क के बारें में पहले से पूछताछ अवश्‍य कर लें।

Business Loan लेते समय लगने वाले शुल्‍कों का निर्धारण –

बिजनेस लोन लेते समय हमें कुछ शुल्‍क और चार्जेस भी भुगतान करने पडतें है, जो सभी एनबीएफसी कंपनियों और बैंकों के बिज़नेस लोन शुल्‍क, चार्जेज एवं ब्‍याज दरें अलग – अलग होती हैं। जो इस प्रकार से होते है –

  • प्रोसेसिंग शुल्क: बिजनेस लोन की राशि का 2% तक (टैक्स सहित) प्रोसेसिंग शुल्क लगभग हर बैंक और कंपनी लगाती हैं। हालाँकि यह चार्ज ग्राहक नही देना होता है बल्कि बिजनेस लोन की धनराशि में से ही काट लिया जाता है।
  • डॉक्यूमेंट शुल्क: डॉक्यूमेंट जमा करने के लिए या निकालने की सुविधा लगभग सभी संस्थाओं में नि:शुल्क होती है। नि:शुल्क सुविधा में शामिल होता है: लोन अकाउंट स्टेटमेंट,प्री पेमेंट शिड्यूल, फोरक्लोज़र लेटर, नो ड्यूज सर्टिफिकेट, इंटरेस्ट सर्टिफिकेट ।
  • चेक बाउंस चार्ज: यदि लोने वाले ग्राहक द्वारा मंथली ईएमआई के दिया गया कोई चेक बाउंस होता है तो इसके लिए जुर्माना लगता है। जुर्माना की राशि सभी कंपनी और बैंकों की अलग – अलग होती है।
  • फोरक्लोज़र चार्ज: इसे प्री पेमेंट चार्ज भी कहते हैं। यह चार्ज तक लगता है जब ग्राहक लोन की तय समयावधि से पहले बिजनेस लोन की रकम को चुकाता है। यानी 24 महीने के लिए लोन लिया है और लोन को अगर बारहवें महीने में वापस करता है तो ग्राहक को प्री पेमेंट चार्ज देना पड़ता है। यह भी अलग-अलग बैंको एवं कंपनी द्वारा अपनी पॉलिसी अनुसार चार्ज करती है ।

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