एक विविध निवेश पोर्टफोलियो बनाना आपके वित्तीय लक्ष्यों को प्राप्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। हम आपको एक मजबूत investment portfolio बनाने की प्रक्रिया के बारे में बताएंगे जो आपकी जोखिमों, सहनशीलता और वित्तीय उद्देश्यों के अनुकूल हो, और आपको महगांई से एक कदम आगें रखेगा ।
बदलती हुई लाईफ स्टाईल और महंगाई ने आज मिडिल क्लास परिवार की कमर तोडकर रख दी है । भारत जैसे विकाशसील एवं बडी जनसंख्या वाले देश में, कोविड काल के समय में लोगो ने निवेश के महत्व को बहुत ही करीब से समझा है । यदि महगांई को मात देनी है तो जरुरी हो जाता है कि आप मंहगाई से हमेंशा एक कदम आगें रहें ।
वित्तीय पोर्टफोलियों कैसे बनायें (How to build an investment portfolio) – एक आदर्श पोर्टफोलियों बनाते समय हमें इन बातों का विशेष ध्यान रखना चाहियें –
- पोर्टफोलियो में विभिन्न परिसंम्पत्तियों में निवेश करें – एक आर्दश पोर्टफोलियों में विभिन्नताओं का संयोजन सबसे महत्वपूर्ण होता है जिसके लिये जरुरी है कि आप अलग-अलग परिसंम्पत्तियों में निवेश करें जैसे – स्टॉक, म्यूचुअल फंड/एसआईपी और फिक्स्ड डिपॉजिट, गोल्ड, कमोडिटी,बॉण्ड, प्रॉपर्टी जैसी पारंपरिक चल-अचल संपत्तियॉ है । ऐसे निवेश से आपका जोखिम कम हो जाता है और लाभ अधिक मिलने की संभावना प्रबल होती है ।
- विभिन्न परिसंपत्ति वर्गों में विविधता रखें – आपके पोर्टफोलियों में संतुलन बनाये रखने के लिये विभिन्न परिसंपत्तियो वर्गो में विविधता होना बेहद जरुरी है । यह आपके पोर्टफोलियों में होनें वाली अस्थिरता को कम करने में मदद करती है । यदि आप अपने दीर्घकालिक investment portfolio में कई परिसंपत्ति वर्गों को शामिल करते हैं, तो स्थितियों में बदलाव के साथ एक परिसंपत्ति वर्ग के बढ़ने से दूसरे परिसंपत्ति वर्ग की गिरावट की भरपाई करने में मदद मिल सकती है।
- समान परिसंपत्ति वर्गों में विविधता बनायें – मान लीजियें आपने अपने investment portfolio में कई कंपनियों के स्टॉकों को रखा हुआ है, अब यह जरुरी हो जाता है कि जिन स्टॉकों में आपने निवेश किया है वह अलग-अलग सेक्टर की कंपनियों के हो, जैसे –मोटर व्हीकल, एनर्जी, सर्विस सेक्टर, आदि । कुछ कंपिनयों के स्टॉकों में डिविडेंड अच्छे खासे मिलते है उनका भी आप चुनाव कर सकते है । बशर्ते सभी कंपिनयॉ अलग-अलग सेक्टर की हों । इसी तरह आप म्यूचुअल फंड/एसआईपी, गोल्ड, चल-अचल संपत्तियों में भी अलग-अलग सेक्टर निर्धारित कर सकते है ।
- उम्र के आधार पर अपनी संपत्ति का विभाजन निर्धारित करें – यदि आप निवेश करने जा रहे है तो आपकी उम्र उस समय सबसे महत्वपूर्ण रोल अदा करती है । जितने कम उम्र में आप निवेश प्रारंभ करते है आप उतने ही सफल निवेशक बनते है पोर्टफोलियों में आपको अच्छा खासा लाभगत परिणाम देखने को मिलते है । इसका प्रमुख कारण है आपके जोखिम लेने की क्षमता । इसलिए यदि आप 30 वर्ष के हैं तो आप अपने investment portfolio का 70% अस्थिर संपत्तियों जैसे शेयरों,कमोडिटी, क्रिप्टो में निवेश करेंगें जो लंबी अवधि में आपके प्रॉफिट में वृध्दि करती है।
- अपने पोर्टफोलियो में बदलाव करना जारी रखें – अपने पोर्टफोलियों में समय-समय पर बदलाव करना बेहद जरुरी होता है । ताकि मार्केट में होनें वाले उतार-चढाव का फायदा investment portfolio में मिल सके है । मान लीजिये आपने किसी कंपनी का स्टॉक खरीद रख है और उस स्टॉक के टोटल निवेश में आपको 60% का रिटर्न मिलता है । तो आप इसमें से 10-20% प्रॉफिट बुक कर कर सकते है । यदि यहॉ से स्टॉक गिरता है तो पुन:इसमें निवेश कर सकते है । जिससे होने वाले उतार-चढाव का फायदा आपको मिल जाता है । इसी तरह आप अन्य संपत्तियों में लाभ ले सकते है ।
- आपातकालीन फंड अलग से रखें – investment portfolio एक लंबी अवधि में अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिये बनाया जाता है । सबसे पहले, आपातकालीन स्थितियों और निकट अवधि के लक्ष्यों और जरुरतों को संभालने के लिए अपने पास नकदी और आय निवेश में पर्याप्त पैसा अलग रखें। इसके बाद ही निवेश प्रारंभ करें ताकि आवश्यकता पडने पर आपके पोर्टफोलियों का संतुलन न बिगडें ।
लक्ष्यों एवं जोखिमों का निर्धारण (Determining goals and risks) – निवेश में उतरने से पहले, अपने वित्तीय लक्ष्यों को निर्धारित कर लें। जैसे – क्या आप सेवानिवृत्ति के लिए बचत कर रहे हैं ? घर खरीद रहे हैं, या अपने बच्चों की शिक्षा , शादी या पढाई के लिए योजना बना रहे हैं? आपके लक्ष्य आपके निवेश की राशि और जोखिम सहनशीलता को निर्धारित करेंगे। आकलन करें कि आप कितना जोखिम उठाने को तैयार हैं। आम तौर पर, युवा निवेशक अधिक जोखिम उठा सकते हैं, जबकि सेवानिवृत्ति के करीब वाले लोग सुरक्षित निवेश पसंद कर सकते हैं। इसलिये आप अपने रिस्क अनुसार पोर्टफोलियों पर संतुलन बना सकते है ।
पोर्टफोलियों में संतुलन बनायें (Balance your portfolio) – आज निवेश के लिये आपके पास बहुत से विकल्प मौजूद है जैसे स्टॉक, म्यूचुअल फंड/एसआईपी और फिक्स्ड डिपॉजिट, गोल्ड, कमोडिटी,बॉण्ड, प्रॉपर्टी जैसी पारंपरिक चल-अचल संपत्तियॉ है,लेकिन हम इनमें कैसे निवेश करें व किस अनुपात में करें इसके बारे ज्यादातर लोग बिना आकलन किये ही निवेश कर बैठते है । परिणाम में कई बार ज्यादा रिस्क या बहुत स्थिर एसेटस में निवेश कर देते है, ऐसा करने से या तो पूंजी डूब जाती है या तो जाम हो जाती है । ऐसी स्थिति में निवेश का नुकसान हो जाता है । जबकि निवेशक को धैर्य और investment portfolio में विविधता रखना बहुत जरुरी होता है ।
ऐसे बनाईयें अपना वित्तीय पोर्टफोलियों (Create your financial portfolio like this) – आईये हम जानते है कि एक लम्बी अवधि के लिये हम एक विविधतापूर्ण पोर्टफोलियों कैसे बनायें – मान लीजिये आप एक नये निवेशक है, आपकी उम्र महज 30 वर्ष है । आपका 10000/- रुपये प्रतिमाह निवेश करने का प्लान है । तो आप नीचे दिये चार्ट अनुसार अपना investment portfolio बना सकते है जिसमें आपको अच्छा खासा रिटर्न मिलेंगा और साथ ही आपका कवर भी रहेगा ।
• स्टॉक (Stock) (25% से 2500/- निवेश करने पर) – स्टॉक उच्च रिटर्न की संभावना प्रदान करते हैं लेकिन अधिक अस्थिरता के साथ आते हैं। यदि आपने अलग-अलग सेक्टर की बेहतर कंपनियों के स्टॉकों में निवेश किया है तो लंबी अवधि में आपको 40-50% से ज्याादा रिटर्न मिलता है । बहुत से स्टॉक आपको डिविडेंड और बोनस शेयर भी देते है । जिससे आपके पोर्टफोलियों में वृध्दि होती है ।
• म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) (10% से 1000/- निवेश करने पर) – म्यूचुअल फंड स्टॉक, बॉन्ड या अन्य परिसंपत्तियों के विविध investment portfolio में निवेश करने के लिए कई निवेशकों से पैसा इकट्ठा करते हैं। इसके लिये म्यूचुअल फंड हाउस द्वारा फण्ड मैनेजरों को नियुक्ति की जाती है जो हमारे फण्ड को विभिन्न कंपनी के शेयरों में सुविधा अनुसार निवेश करते रहते है । लंबी अवधि में इसमें 15-20% या इससे ज्यादा रिटर्न मिलने की संभावना रहती है । यह शेयरों में सीधे निवेश के अपेक्षाकृत कम जोखिम होता है । ।बेस्ट SIP जानने के लिये यहॉ पर क्लिक करें ।
• गोल्ड (GOLD) (5% से 500/- निवेश करने पर) – गोल्ड एक सुरक्षित निवेश के अन्तनर्गत आता है, दिनो-दिन गोल्ड की कीमतों में वृध्दि देखनें को मिल रही है, भारत में लोग निवेश के मामले में गोल्ड को बेहद महत्व् देते है । विगत कुछ सालों में गोल्ड ने अच्छा खासा रिटर्न दिया है । आप चाहे तो छोटी सी राशि से इसमें निवेश कर सकते है, जिसमें आपको 10% से ज्यादा रिटर्न मिल जायेगा । आप गोल्ड डिजिटल रुप में भी खरीद के अपने पास रख सकते है ।
• रियल स्टेट (Real State) (15% से 1500/- निवेश करने पर) – यह एक ऐसा सेक्टर है जिसमें शुरु से अच्छा -खासा मुनाफा रहा है, और सबसे लोकप्रिय निवेंशों में इसकी गिनती होती रही है । दिनों – दिन बढती जमीनों की कीमतों ने रियल स्टेट सेक्टरर को आसमान मे पहॅुचा दिया है । आज आप वास्तविक दुनिया के साथ-साथ आभाषी दुनिया मे भी डिजिटल एसेटस के रुप में रियल स्टेट सेक्टर में निवेश कर सकते है । इसमे आपको 50% से ज्यारदा रिटर्न मिलता है जो एक सुरक्षित निवेश की श्रेणी में आता है ।
• बॉण्ड (BOND) (5% से 500/- निवेश करने पर) – बॉन्ड एक सुरक्षित निवेश के विकल्पों में से एक है जो हमारे investment portfolio को डायवर्स बनाने और जोखिम को प्रभावी ढंग से मैनेज करने का एक आसान तरीका है । निवेशक इससे नियमित पैसिव इनकम पाने के लिए बॉन्ड में निवेश करते हैं । वे जोखिम से बचने वाले निवेशकों के लिए निवेश के सबसे लोकप्रिय तरीकों में से एक हैं । इसमें आपको एफडी और बचत खातों की तुलना में अधिक ब्याज मिलता है । एफडी से उलट सेकेंडरी मार्केट में उनका ट्रेड किया जा सकता है, जिससे आप किसी भी समय लिक्विडिटी को एक्सेस कर सकते हैं ।
• क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) (5% से 500/- निवेश करने पर) – पारंपरिक संपत्तियों के अलावा, अपने investment portfolio का एक छोटा हिस्सा क्रिप्टोकरेंसी जैसे वैकल्पिक निवेश पर विचार करें। विगत 10 वर्षो में बिटकॉइन और एथेरियम जैसी क्रिप्टोकरेंसी ने मूल्य और सट्टा संपत्ति के डिजिटल स्टोर के रूप में लोकप्रियता हासिल की है। हालाँकि, वे उच्च अस्थिरता और जोखिम के साथ आते हैं, इसलिए केवल वही निवेश करें जिसे आप खोने का जोखिम उठा सकते हैं।
• एनपीएस (National Pension System) (15% से 1500/- निवेश करने पर) – नेशनल पेंशन सिस्टम भारत सरकार द्वारा शुरू की गयी एक पेंशन-योजना है। एनपीएस एक प्रकार की पेंशन कम इन्वेस्टमेंट स्कीम है जो कि बाजार आधारित रिटर्न की गारंटी देती है। एनपीएस में जमा की गई 40% राशि को एन्युटी में जमा करना ज़रूरी है बाकी बची 60% राशि आप रिटायरमेंट के दौरान एकमुश्त निकाल सकते हैं। इस योजना का लाभ भारत का कोई भी नागरिक जिसकी आयु 18 से 65 वर्ष की आयु के बीच का हो ले सकता है । एनपीएस में औसत ब्याज दरें 9% से 12% के बीच रही है, मार्केट में होनें उतार-चढाव अनुसार समय-समय पर इनमें परिवर्तन होता रहता है इस योजना में निवेश करने पर लाभार्थी को एक निश्चित मासिक पेंशन प्राप्त होगी।
• यूलिप प्लान (ULIP PLAN) (20% से 2000/- निवेश करने पर) – यूलिप प्लान में भी म्यूचुअल फंड हाउस की तरह स्टॉकों पर निवेश करते है, जो लंबी अवधि के लिये होते है , आप अपनी सुविधा अनुसार इसे 10,20,30 या उससे अधिक वर्षो के लिये चयन कर सकते है । यह प्लान आपको लाईफ इंश्योरेंस कंपनियों द्वारा उपलब्ध कराया जाता है । इस प्लान में आपको औसत 12% से 15% का वार्षिक रिटर्न मिलता है । इस प्लान की सबसे खास बात यह है कि यह आपको इश्योयर्ड भी करता है । आपके द्वारा लिये गये प्लान की प्रीमियम अनुसार 10 से 12 गुना आपका इंश्याेंरेंस कवर करता है । यह प्लान आपको बेहतर रिटर्न के साथ इंश्योर भी करके आपके परिवार को प्रोटेक्ट करता है ।
यह उदाहरण एक संतुलित investment portfolio को समझाने के लिये तैयार किया गया है । आप अपनी सुविधा अनुसार अन्य विकल्पों को अपनाकर भी अपनी निवेश जर्नी प्रारंभ कर सकते है । हम आशा करते है कि आपको उपर बताये गये उदाहरण से अपने वित्तीय पोर्टफोलियों बनाने में आसानी होगी ।नियमित रूप से समीक्षा करें और पुनर्संतुलन करें (Review and Rebalance Regularly) – आपकी वित्तीय स्थिति और बाज़ार की स्थितियाँ समय के साथ बदल सकती हैं। यह सुनिश्चित करने के लिए नियमित रूप से अपने investment portfolio की समीक्षा करें कि यह आपके लक्ष्यों और जोखिम सहनशीलता के अनुरूप है। अपने वांछित परिसंपत्ति आवंटन को बनाए रखने के लिए संपत्ति खरीद या बेचकर अपने पोर्टफोलियो को पुनर्संतुलित करें।
यदि आवश्यक हो तो पेशेवर की सलाह लें (Seek professional advice if necessary) – यदि आप अपने investment portfolio के निर्माण या वित्तीय बाजारों में नेविगेट करने के बारे में अनिश्चित हैं, तो वित्तीय सलाहकार से सलाह लेने पर विचार करें। एक सलाहकार आपकी वित्तीय स्थिति का आकलन करने, व्यक्तिगत सिफारिशें प्रदान करने और आपके दीर्घकालिक वित्तीय लक्ष्यों को प्राप्त करने में सहायता कर सकता है।
याद रखें, निवेश एक दीर्घकालिक यात्रा है और धैर्य महत्वपूर्ण है। सूचित रहें, अपने निवेशों में विविधता लाएं और अपने वित्तीय उद्देश्यों को प्राप्त करने की दिशा में सही राह पर बने रहने के लिए नियमित रूप से अपने investment portfolio की समीक्षा करें।
नोट – उपर दी गयी investment portfolio संबंधी जानकारी का उददेश्य् केवल आपको आर्थिक जगत में होनें वाली गतिविधियों से और आपको निवेश संबंधी प्रक्रियाओं से अवगत कराना है । कृपया निवेश संबंधी निर्णय अपने स्वविवेक एवं अपने फायेनेंसियल एडवाईजर से सलाह लेकर ही प्रारंभ करें।